भारत को अपनी कप्तानी में अंडर-19 विश्व कप का खिताब दिलाने वाले उन्मुक्त चंद एक बार फिर से चर्चा में हैं। उन्मुक्त अंडर-19 विश्व कप के बाद से अपनी छाप नहीं छोड़ पाए। हालत ऐसी हो गई कि उनसे जूनियर खिलाड़ियों ने भारत के लिए डेब्यू कर लिया लेकिन उन्हें इसका इंतजार ही रह गया।

उन्मुक्त चंद
नई दिल्ली: 2010 में भारत को अंडर-19 विश्व कप जीतने वाले उन्मुक्त चंद फिर से चर्चा में हैं। अगले महीने होने वाले टी20 विश्व कप के लिए अमेरिका की टीम में उन्मुक्त चंद नहीं है। उन्मुक्त को भारतीय क्रिकेट का भविष्य कहा जाता था। कमाल की बल्लेबाजी करते थे, लेकिन अंडर-19 विश्व कप के बाद से मानों से परेशान हो गए। उन्मुक्त ने भारत में घरेलू क्रिकेट खेलने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। वह इंडियन प्रीमियर लीग में भी खेल चुका था, लेकिन वहां कुछ खास प्रभाव नहीं दिखाया था।
उन्मुक्त को अपने क्रिकेट करियर को बचाने के लिए देश छोड़ना पड़ा। मुक्त ने अमेरिका चला गया। भारत में देश के लिए खेलना उनके लिए मुश्किल था। क्योंकि यहाँ कई प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं ऐसे में उन्होंने भारत में क्रिकेट के हर फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान किया और अपने सपने को अमेरिका में पूरा करने के लिए चले गए।
अमेरिका अभी दुनिया में क्रिकेट टीम का पैर पालने में है। अमेरिकी टीम में आधे ज्यादा खिलाड़ी विदेशी हैं। भारत, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड इसमें शामिल हैं। बहुत से क्रिकेटर बेहतर मौके की तलाश में अमेरिका चले गए हैं। उन्मुक्त चंद भी उनमें से हैं। 2024 में अमेरिका आईसीसी टी20 विश्व कप की मेजबानी करेगा।
ऐसे में अमेरिका ने इस टूर्नामेंट के लिए अपनी टीम घोषित की है। टीम का कप्तान मोनांक पटेल है। मोनांक पटेल ने भारत में गुजरात की अंडर-19 टीम में खेलने के बावजूद अपने करियर को अमेरिका में शुरू किया। उन्मुक्त चंद ने अमेरिका में भी अपना प्रभाव नहीं छोड़ा। उन्मुक्त कुछ समय पहले अमेरिका की टीम से बाहर हो गए, क्योंकि वे लगातार अपनी खराब प्रदर्शन से परेशान थे। अब उन्हें टी20 विश्व कप टीम में जगह नहीं मिली है। उन्मुक्तता का अर्थ है कि वे क्रिकेट खेलने के लिए अपने देश छोड़ गए, लेकिन अब वे घर नहीं रहेंगे।
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