आरसीबी को आईपीएल 2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ एक रन से हार झेलनी पड़ी। इस मुकाबले में विराट कोहली को बहुत विवादास्पद रूप से बाहर निकाला गया। जैसा कि स्पष्ट है, विराट कोहली को लेकर तीसरे अंपायर ने सही निर्णय लिया।

Virat Kohli (@PTI)
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2024 के मौजूदा सीजन में लगातार बुरा प्रदर्शन किया है। कोलकाता नाइट राइडर्स ने रविवार (21 अप्रैल) को ईडन गार्डन्स में 1 रन से आरसीबी को हराया। आरसीबी की यह लगातार छठी हार है, जो उसे अंकतालिका में अंतिम स्थान पर बनाए रखती है।
कोहली के OUT होने पर मचा बवाल
इस मुकाबले में विराट कोहली को बहुत विवादास्पद रूप से बाहर निकाला गया। तीसरे ओवर में, खुश राणा ने हाई फुलटॉस पर पहली गेंद फेंकी, जिस पर कोहली ने बल्ला चलाया। हर्षित ने गेंद अपने हाथों में पाई क्योंकि शॉट की टाइमिंग गलत थी। कोहली ने DRS लिया क्योंकि उन्होंने सोचा कि गेंद कमर के ऊपर आई है। तीसरे अंपायर ने हॉक-आई की मदद से पाया कि कोहली क्रीज से आगे थे, लेकिन गेंद डीप हो रही थी, इसलिए उन्होंने आउट का ही निर्णय लिया। कोहली ने पवेलियन लौटते समय अंपायर से भी संघर्ष किया।
जैसा कि स्पष्ट है, विराट कोहली को लेकर तीसरे अंपायर का निर्णय नियमानुसार सही था। मेरीलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) का नियम 41.7.1 कहता है कि “कोई भी डाली गई बॉल, जो बगैर जमीन पर टप्पा खाए क्रीज में सीधे खड़े बैटर की कमर की ऊंचाई से निकलती है, तो इसे अवैध करार दिया जाता है।” यही कारण है कि अंपायर इसे नो-बॉल घोषित करता है।लेकिन अगर कोहली बाहर होता तो गेंद उसके कमर के नीचे गिरती और वह अपनी क्रीज के बाहर खड़ा होता।
तीसरे अंपायर ने निर्णय लेने के लिए हॉक-आई प्रणाली का उपयोग किया। कोहली क्रीज से बाहर खड़े थे जब गेंद उनके पास आई। जब कोहली सामान्य स्थिति में पॉपिंग क्रीज पर खड़े होते, तो उनकी कमर की ऊंचाई 1.04 मीटर होती। लेकिन गेंद उनकी कमर के ऊपर थी जब उन्होंने इसे अपनी क्रीज के बाहर खेला। यदि वही गेंद पॉपिंग क्रीज पर पहुंचती, तो उसकी हाइट 0.92 मीटर तक गिरती। यानी गेंद कोहली के क्रीज पर होती तो उनकी कमर की ऊंचाई से नीचे होती।
उधर, पूर्व टीम इंडिया क्रिकेटर्स नवजोत सिंह सिद्धू और वसीम जाफर ने नियमों में बदलाव की मांग की। सिद्धू ने कहा कि न्याय दूध का दूध और पानी का पानी है। मैं विराट और आरसीबी दोनों से आहत हूँ। जब आपने हाइट का सिद्धांत लाकर कानून बनाया। क्या आपने देखा कि उनके पंजे छह इंच ऊपर हैं? या आपने उनका कद नापते हुए सात इंच की छूट दी। यह सबसे पहले है।’
“सबसे बड़ी बात यह है कि आपने बीमर को लीगलाइज कर दिया,” सिद्धू ने कहा। जब बॉल गेंदबाज के हाथ से छूट गई और कमर से ऊपर आई, तो गेंदबाज दोनों हाथ खड़े करके माफी मांगता था।
लेकिन अगर कल को कोई आपके सिर पर गेंद मार देता है, तो आप माफी नहीं मांगेंगे। क्या बीमर लीगलाइज हो रहा है?’
तीसरी बात, सिद्धू कहते हैं,जब गेंद उनके बल्ले पर लगी है, वह क्रीज से छह इंच बाहर है और कमर से 1-1.5 फुट ऊपर है। गेंद एक बार जाते-जाते दो बार डीप हुई। बल्लेबाज को संदेह का लाभ मिलना चाहिए। नियम सिर्फ बदलाव के लिए नहीं बनते, बल्कि सुधार के लिए भी बनते हैं। इस नियम पर फिर से विचार करना चाहिए और उसे परिवर्तित करना चाहिए।’
ईएसपीएन क्रिकइंफो से जाफर ने कहा, ‘नियम तो यह कहता है कि पॉपिंग क्रीज का Measure (नाप) लिया जाता है। लेकिन बल्लेबाज को बॉल को कहां पकड़ना चाहिए और थोड़ा आगे बैटिंग करना चाहिए। बल्लेबाज आगे खड़ा होता है जब विकेट धीमा होता है। जब आप डेथ में बैटिंग कर रहे हैं, तो आपको पीछे खड़े होना चाहिए। मेरी राय में, जहां बॉल प्रभाव डालता है, उसका ध्यान रखना चाहिए। यदि मैं अंपयार होता तो मैं उन्हें बाहर निकालता।’
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