T20 विश्व कप जीतने के बाद भारतीय टीम ने पहली चुनौती का सामना करना मुश्किल नहीं था। श्रीलंकाई टीम एक समय 140 रनों पर दो विकेट गंवा चुकी थी और 214 रनों का लक्ष्य हासिल कर चुकी थी, लेकिन भारतीय गेंदबाजों की चतुराई की बदौलत यह मुकाबला 43 रन से जीत लिया। अक्षर पटेल ने एक ओवर में मैच पलटकर दिलाई जीत

सूर्यकुमार यादव और अक्षर पटेल रहे मैच के हीरो
भारतीय टीम ने पावरप्ले में अच्छी शुरुआत की। । 21 गेंद में यशस् वी जायसवाल ने 40 रन की पारी खेली, जबकि शुभमन गिल ने 16 गेंद में 34 रन बनाए। लेकिन ये दोनों बल्लेबाज पवेलियन लौट गए जब टीम का स्कोर 74 था। इसके बाद कप्तान सूर्यकुमार यादव ने एक शानदार अर्धशतकीय पारी खेलकर शुरुआत को बड़ा स्कोर तक ले गए। 26 गेंदों में 58 रन बनाते हुए, उन्होंने भारत को आसानी से एक बड़ा स्कोर दिया।
भारतीय टीम ने पावरप्ले में अच्छी शुरुआत की। । 21 गेंद में यशस्वी जायसवाल ने 40 रन की पारी खेली, जबकि शुभमन गिल ने 16 गेंद में 34 रन बनाए। लेकिन ये दोनों बल्लेबाज पवेलियन लौट गए जब टीम का स्कोर 74 था। इसके बाद कप्तान सूर्यकुमार यादव ने एक शानदार अर्धशतकीय पारी खेलकर शुरुआत को बड़ा स्कोर तक ले गए। 26 गेंदों में 58 रन बनाते हुए, उन्होंने भारत को आसानी से एक बड़ा स्कोर दिया।
जब मेज़बान टीम इस स्कोर का जवाब देने मैदान पर आई, तो उनके ओपनरों ने भी शानदार बल्लेबाज़ी की। श्रीलंका ने पावरप्ले में तेजी से रन बनाए और एक भी विकेट नहीं गंवाया। श्रीलंका आसानी से लक्ष्य की ओर बढ़ रहा था जब कुसल मेंडिस और पथुम निसंका ने 84 रनों की साझेदारी की। मेंडिस के बाहर होने के बाद कुसल परेरा भी अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहे थे, लेकिन 15वें ओवर में अक्षर पटेल ने एक ही ओवर में निसंका और परेरा को पवेलियन पहुंचा दिया, इसके बाद मोंटम भारत चला गया।
यह मैच का टर्निंग प्वाइंट क्या था?
मैच का टर्निंग प्वाइंट अक्षर पटेल के स्पैल का आखिरी ओवर था। श्रीलंका को 9 विकेट शेष थे और 36 गेंदों में 74 रनों की ज़रूरत थी। निसंका और परेरा जिस तरह से बल्ला चला रहे थे, उससे लगता था कि लक्ष्य आसान हो जाएगा. लेकिन अक्षर ने एक ही ओवर में दोनों बल्लेबाजों को पवेलियन पहुंचाकर मैच को पूरी तरह से बदल दिया।
इसका क्या अर्थ है?
इस मैच का मतलब था कि दोनों टीमें एक नए चरण में प्रवेश कर रही थीं। भारतीय टीम में दो युवा ओपनरों ने अपना उत्साह दिखाया। श्रीलंका के पूर्व विस्तारित ओपनर सनत जयसूर्या ने अंतरिम कोच के रूप में अपनी टीम को दिखाया कि किसी भी परिस्थिति में आक्रामक रवैया नहीं छोड़ना चाहिए। इस मैच से पता चला कि तीन मैचों की सीरीज़ रोमांचक होगी।
सूर्यकुमार की अगुवाई में भारतीय टीम की नज़रें पहली सीरीज़ जीत पर